पारंपरिक संगीत और लोकनृत्य ने कार्यक्रम में समा बांधा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने एक सुंदर परेड का प्रदर्शन करने के लिए जवानों को बधाई देना चाहता हूं…मैं आज की मुख्य अतिथि और भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का हृदय की गहराइयों से स्वागत और अभिनंदन करता हूं।

राज्य स्थापना दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अपनी अलग पहचान स्थापित करने और अपने विकास का रास्ता तय करने का उत्तराखंड के निवासियों का सपना आज ही के दिन पूरा हुआ था।राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान शिव और भगवान विष्णु के आशीर्वाद-स्वरूप देवालयों से पवित्र उत्तराखंड को ‘देव-भूमि’ कहने की परंपरा वंदनीय है। साथ ही, पर्वतराज हिमालय की पुत्री देवी पार्वती एवं शक्ति के अन्य पूजनीय स्वरूपों से ऊर्जा प्राप्त करने वाली व गंगा-यमुना जैसी नदी-माताओं के स्नेह से सिंचित यह पावन धरती ‘देवी-भूमि’ भी है।