पिथौरागढ़ से होगा मोदी मैजिक का प्रवाह, फूकेंगे लोकसभा चुनाव का बिगुल

उत्तराखंड की सियासी हवाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जादू का पिथौरागढ़ दौरे से प्रवाह होगा। राजनीतिक जानकार पीएम के इस दौरे को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी से भी जोड़कर देख रहे हैं। पीएम के इस भ्रमण पर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की भी निगाह लगी है।

लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस खुद को जिन सीटों पर मजबूत मान रही, उनमें एक अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट भी है। हाल ही में लोकसभा के अंतर्गत बागेश्वर विधानसभा में हुए उपचुनाव के कम अंतर से भी कांग्रेस उत्साहित है। वैसे भी पांचों लोकसभा सीटों में यही लोकसभा सीट है, जहां भाजपा की जीत का सबसे कम अंतर रहा है।

सियासी हलकों में यह चर्चा है कि इस लोस सीट पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए भाजपा को तगड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में मोदी मैजिक एक बड़ा फैक्टर है। यह फैक्टर हमेशा से ही विपक्ष की चिंता का बड़ा कारण रहा है। वैसे भी माना जाता है कि प्रधानमंत्री के हर दौरे की पृष्ठभूमि में एक खास रणनीति होती है।

उनके राज्य में आने से सिर्फ राज्य के विकास के सपनों के पूरे होने की उम्मीद ही नहीं जगती है, बल्कि सत्तारूढ़ भाजपा को भी इससे ऊर्जा मिलती है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं, प्रधानमंत्री जब-जब उत्तराखंड आए, विकास की नई दिशा दिखा गए। उनका उत्तराखंड के प्रति खास स्नेह है, यह राज्य का जनमानस भी अच्छी तरह महसूस करता है।

 

बकौल भट्ट, पीएम आते हैं तो राज्य को कोई न कोई सौगात अवश्य देते हैं, लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि पीएम के दौरे के निहितार्थ सिर्फ राज्य के विकास या सौगात से ही नहीं जुड़े हैं। जानकार इसे लोकसभा चुनाव की तैयारी से भी जोड़ देख रहे हैं। उनकी राय में मोदी का राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे पर खास फोकस है।

इसे हिंदुओं की आस्था के बड़े केंद्र बदरीनाथ-केदारधाम की कायाकल्प योजना, तीर्थनगरी हरिद्वार, योगनगरी ऋषिकेश के पुनर्निर्माण की योजनाओं से समझा जा सकता है। इन पर केंद्र और राज्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

अब अगला कदम मानसखंड कॉरिडोर की ओर है। ज्योलिकांग में जाकर पवित्र आदि कैलाश दर्शन व मायावती आश्रम में ध्यान और रात्रि विश्राम से पीएम मोदी तीर्थांटन की एक नई खिड़की खोलेंगे। साथ ही पिथौरागढ़ की जनसभा के जरिये भाजपा की चुनावी राह को सहज बनाने की कोशिश भी करेंगे। ऐसी सूरत में भाजपा को लगता है कि उसके परिश्रम में पीएम का जादू फिर मददगार साबित होगा।

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