फिर डोली धरती, उत्तरकाशी में आज आठवीं बार भूकंप के झटके महसूस, दहशत में लोग

देहरादून: उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। राज्य को भूकंप की दृष्टि से जोन-4 और 5 में रखा गया है। यहां उत्तरकाशी में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे है।  आज यानि गुरूवार को एक बार फिर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। पांच दिनों में जनपद मुख्यालय में भूकंप का यह आठवां झटका महसूस किया गया है। जिससे लोगों में दहशत का माहौल है तो वहीं वैज्ञानिक भी इसे अलग-अलग दृष्टि से देख रहे है।

मिली जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी में जनपद मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में शाम 7:31 बजे भूकंप का झटका महसूस किया गया। इससे लोग दहशत में आ गए हैं। जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार यह भूकंप 2.7 रिक्टर स्केल पर मापा गया है। तो वहीं इसका केंद्र तहसील बड़कोट के सरुताल झील, फुच-कंडी, यमुनोत्री रेंज वन क्षेत्र में था।

बता दें कि इससे पहले बुधवार शाम 3 बजकर 28 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए।  रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.7 मापी गई। जिसकी गहराई जमीन से 5 किलोमीटर नीचे थी।  गत शुक्रवार को जहां भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए थे। इनमें पहला झटका सुबह 7:41 बजे, दूसरा 8:19 और तीसरा 10:59 बजे पर महसूस किया गया, पहले दो झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर क्रमश: 2.7 और 3.5 थी, जिनका केंद्र भी उत्तरकाशी जनपद में ही स्थित था। जबकि तीसरा भूकंप की बहुत हल्का होने से इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर दर्ज नहीं हो पायी।

भूकंप के झटकों को चौबीस घंटे का समय भी नहीं बीता था कि शनिवार को दोबारा सुबह 5:47 बजे रिक्टर पैमाने पर 2.04 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र तहसील डुंडा के ग्राम खुरकोट और भराणगांव के मध्य वन क्षेत्र में कहीं था। भूकंप का ये झटका जिला मुख्यालय के साथ ही मनेरी, भटवाड़ी व डुंडा के कुछ क्षेत्र में महसूस किया गया। सके बाद शनिवार शाम को दोबारा 5:27 बजे भूकंप का एक और हल्का झटका आया। अब एक बार फिर से आज यानी 29 जनवरी को भूकंप आया है। लगातार आ रहे इन हल्के भूकंप के झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

गौरतलब है कि 1991 और 1999 क्रमश: उत्तरकाशी और चमोली बड़े भूकंपों की त्रासदी झेल चुका है। लंबे समय से हिमालयी राज्य में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है हालांकि कई बार हल्के झटके महसूस किए गए है, जिसको लेकर भूवैज्ञानिकों के माथे पर भी शिकन दिखाई दे रही है। ऐसे में चिंतित होना लाज़मी है कि क्या राज्य में लगातार आ रहे हल्के झटके एक बड़े भूकंप को दस्तक दे रहा है? और राज्य में आखिर नए भूकंप केंद्र क्यों बन रहे हैं?

 

 

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